We should focus on our purpose, not on anyone else's talk !!!
A woman used to come to the
temple for many years, after going to the temple for so many years, one day
suddenly said…… to the priest, tomorrow I will not come to this temple …… ..,
the priest felt something strange, he reason asked…. Why are you saying this?
He said… .. The temple is now said to be like a temple? People gossip this
place here Has made a hangout, people talk about business here on the phone,
listen to music for hours, I do not feel good at all coming here.
Panditji kept quiet for some time
after that he said, OK, you have been coming here for so many years and want to
take this decision. But before this can you accept one thing of mine, they said
…… Panditji said that all you have to do is to add water to the top of a glass,
and take that glass in your hand and revolve the temple premises twice. Is, the
condition is that the water should not fall from the glass even at all, the
woman said ……. What is the big deal in this?
And in a while, she did it too.
When she came to complete this work, the priest said, "I will ask you
three questions …… ..Do you tell me you saw someone doing gossip, did you see
anyone saw you talking on the phone, or you heard someone making any kind of
noise here. He did not answer the trio, then the priest smiled and said that
all this is not heard and shown to you now because your focus was on that glass
of water.
The same thing happens if you
have come to the temple, then devote all your attention to devotion or service
in the devotion of god and god, or do the work that you are doing or the work
assigned to you with all your heart, then you will not be heard or seen. We
blame all the people around us, the reason for this is that our focus is
towards unrest, if you focus all your attention on the work that is our purpose
or what you are trying to do, then any harassment Not possible……..
***************************************************************************************************************************
Hindi Translate
हमें
अपने
उद्देश्य
पर
ध्यान
देना
चाहिए,
किसी
दूसरे
के
बातो
पर
नहीं
!!!
एक महिला कई
वर्षो से मंदिर में
आया करती थी, इतने वर्षो तक मंदिर जाने
के बाद एक दिन अचानक…..
पुजारी जी से बोली,
कल से मैं इस
मंदिर में नहीं आऊंगी…….., पुजारी जी को कुछ
अजीब लगा, उन्होंने कारण पूछा…. क्यों आप ऐसा कह
रही है । उन्होंने कहा….. मंदिर अब मंदिर सा
रह कहा गया है ? यहाँ
इस जगह को लोग गप्प सप्प का अड्डा बना दिया
है, लोग यहाँ फ़ोन पर व्यापर की बाते करते है, घंटो तक संगीत सुनते रहते है, मैं तो
यहाँ आने में बिल्कुल अब अच्छा महसूस नहीं करती हूं ।
पंडितजी कुछ देर तो चुप रहे
उसके बाद उन्होंने कहा ठीक है, इतने सालो से आप यहाँ
आ रही है और ये
निर्णय लेना चाहती है । लेकिन क्या इससे पहले मेरा एक बात मान सकती है आप, उन्होंने
कहा कहिये ……पंडित जी ने कहा आपको करना सिर्फ इतना है की एक गिलास में ऊपर तक पानी
भड़ना है, और उस गिलास को हाथ में लेकर मंदिर परिसर की दो बार परिक्रमा करनी है, शर्त
यह है कि गिलास में से पानी जरा सा भी गिरना नहीं चाहिए, उस महिला ने कहा……. इसमें
क्या बड़ी बात है बिल्कुल कर देती हूं ।
और कुछ ही
देर में उन्होंने कर भी दिखाया,
जब वह ये काम
पूरा करके आयी तो पुजारी जी
ने कहा, मैं आप से तीन
सवाल पूछूंगा…….., बताइए क्या आप ने किसी को गप्प सप्प करते देखा, क्या आप ने किसी को फ़ोन
पर बाते करते देखा, या आप ने किसी को यहाँ पर किसी भी तरह का शोर करते सुना । उन्होंने
तीनो का जवाब नहीं में दिया, तब पुजारी मुस्कुराए और कहा ये सब अभी आपको इसलिए सुनाई
और दिखाइए नहीं दिया क्योंकि आप का पूरा ध्यान पानी के उस गिलास पर था।
ऐसा ही होता है
अगर आप मंदिर आये
है तो अपना पूरा
ध्यान ईश्वर और भगवान की
भक्ति भाव में समर्पण या सेवा में लगा दें या आप जो काम कर रहे है या जो काम
आपको सौंपा गया है उस काम को पूरा मन से किजिए, फिर ये
सब आपको न सुनाई देगा
न दिखाई देगा । हम सब आस पास के लोगो को दोष देते
है, उसका कारण ये है की हमारा ध्यान अशांति के तरफ है, अगर आप अपना पूरा ध्यान उस काम
पर लगा लेंगे जो हमारा उद्देश्य है या जो आप करना चाह रहे है तो आप को कोई भी उत्पीड़न
नहीं हो सकता है……..
Nice Motivational story 👍👍
ReplyDelete