Be honest !!!
There was
a king, he had no children, the king had a lot of money, and one day he
announced that… I will make any child of the village his successor. For this,
all the children gathered in the palace, King gave a seed to everyone and said
that this is the seed of a pot, go to this pot in a pot at home apply it, save
it for six months, then see you… only then I will decide who will be my
successor.
Now all
the children of the village were very keen, took the seeds and went to their
homes and sowed the seeds in the pot, started caring… giving them water from
time to time, taking great care of it. Slowly, all the pots started blooming,
but there was a child named Aditya, he also used to pour water everyday, very
care Used to keep the pot in the sun, but nothing was coming out of the pot, I
was a little disappointed but then he thought that maybe it will be a different
kind of seed…. What has been given to me, that is why it is taking time, three
months have passed, nothing happened to his pond… the rest of the children
started making fun of him.
Six months
had passed, all of them started snapping, all kinds of flowers came in them…
but Aditya's flower was still there, nothing burst out of it. Now the day has
come when everyone had to go to King with his flowerpot, all the children were
making fun of him, and Aditya also got scared It was said that King would think
that maybe I did not take care of it …… it did not give water, so no plant came
out of it. Aditya's mother said …… .. now this is what it is…. You have to take
it with you to King, Aditya reached there with great courage, that day King
palace was smelling with different kinds of fragrances, because all the
children were carrying one flower pot with beautiful flowers.
King was
inspecting all the pots…. Everyone was watching the pots, suddenly looked at
Aditya and he said, Oh what is this ... there is no pudding in your pot."
He said sorry… I tried a lot…. Took care of this…… also gave water on time, but
nothing came out of it…. King went ahead with nothing. After seeing all the
pots, King said… .. I gave you all the seeds Was, that was a barren seed …… no
plant could ever grow out of them, but only this Aditya… ..the rest changed the
seeds… ..and tried to placate me by bringing beautiful puddles, but my
successor So he will be the one who is honest and who has so much power… ..the
power that he could come in front of the king even with an empty flowerpot ……
..
If this
happens to you and you too, then if we are honest, we will be unique, and we
will be seen differently in the middle of it all ……. So be honest, be your own
inspiration …… ..
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ईमानदार
बने !!!
एक राजा था उनके कोई संतान नहीं थे,
राजा के पास बहुत सारा धन धान्य था, एक दिन उन्होंने घोषणा किया….. की मै गाँव के ही
किसी बच्चे को अपना उत्तराधिकारी बनाऊँगा । इस बात के लिए सारे बच्चे महल में इकट्ठा
हुए, राजाजी ने सब को एक बीज दिया और कहा की ये पोंधे का बीज है, जाइए घर पर एक गमले
में इस पोंधे को लगाइये, छह महीने तक इसको सहेजिये, उसके बाद मिलते है….. तब ही मैं
तय करूँगा कौन होगा मेरा उत्तराधिकारी ।
अब गाँव के सारे बच्चे बड़े ही उत्सुक
थे, बीज ले कर चल पड़े और अपने अपने घरों में जा कर गमले में बीज को बोया, देखरेख करने
लगे…….उसको समय से पानी देते, उसका बहुत ख्याल रखते । धीरे धीरे सब के गमले फलने फूलने लगे, लेकिन
उसमे एक बच्चा था जिसका नाम था आदित्य, वह भी प्रतिदिन पानी डालता था, बहुत ख्याल रखता
था, धुप में भी रखता था गमले को, मगर कुछ बाहर ही नहीं आ रहा था गमले से, थोड़ा सा निराश
हुआ लेकिन फिर उसने सोच शायद ये कुछ अलग तरह का बीज होगा…. जो मुझे दिया गया है, इसलिए
समय लग रहा है, तीन महीने बीत गए उसके पोंधे को कुछ हुआ ही नहीं… बाकी बच्चे उसका मजाक
भी उड़ाने लगे थे ।
देखते देखते पुरे छह महीने बीत गए,
सबके पोंधे तो लह-लहाने लग गए, उनमें तरह तरह के फूल आ गए… लेकिन आदित्य का गमला तो
यु ही था, उससे कुछ भी फूट कर बाहर नहीं निकला था । अब वह दिन आ गया जब सब को अपना
गमला लेकर राजाजी के पास जाना था, सारे बच्चे उसका मजाक उड़ा रहे थे, और आदित्य भी घबरा
रहा था कि राजाजी सोचेंगे कि शायद मैंने इसका देखभाल नहीं किया…… इसको पानी नहीं दिया,
इसलिए इसमें से कोई पौधा नहीं निकला । आदित्य की माँ ने कहा …….. अब जो है यही है…. तुमको यही लेकर जाना है राजाजी के पास, आदित्य बड़ी हिम्मत
बटोर कर वहाँ पहुंचा, उसदिन तो राजाजी का महल तरह तरह के खुश्बुओं से महक रहा था, क्योंकि
एक से एक सुन्दर फूलों वाले गमले लेकर सब बच्चे पहुंचे हुए थे ।
राजाजी निरिक्षण कर रहे थे सब गमलों
का…. सब के पोंधे देख रहे थे, अचानक आदित्य पर नज़र पडा और उन्होंने कहा अरे यह क्या…..
तुम्हारे गमले में तो कोई पोंधे ही नहीं है । उसने कहा माफ़ कीजियेगा… मैंने बहुत कोशिश
की…. इसका ख्याल भी रखा…... समय पर पानी भी दिया, लेकिन इसमें से कुछ बाहर ही नहीं
निकला…. कुछ नहीं बोले राजाजी ने और आगे चले गए । सबके गमले देखने के बाद राजाजी ने
कहा….. मैंने तुम सबको जो बीज दिया था, वह बंज़र बीज था…… उनमे से कोई पौधा कभी निकल
ही नहीं सकता, लेकिन सिर्फ इस आदित्य के….. बाकी सब ने बीज बदल दिए….. और सुन्दर से
सुन्दर पोंधे लाकर मुझे रिझाने का कोशिश किया, लेकिन मेरा उत्तराधिकारी तो वही बनेगा
जो ईमानदार है और जिसमे इतना ताकत है….. शक्ति है की वह एक ऐसा खाली गमला लेकर भी राजा
के सामने आ सका ……..
ऐसा हम और आप भी लागू होता है
तो हम ईमानदार होंगे तो हम अद्वितीय होंगे, और सबके बीच में अलग नज़र आएंगे……. इसलिए
ईमानदार बनिए अपने स्वयं के प्रेरणास्रोत बनें ……..
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