Need to improve yourself everyday !!!

 Ram was a middle-aged man, used to cut trees in the factory, and the owner of the factory was not tired of praising Ram in front of all the workers, that he does a very good job. Now the rest of the workers were jealous of this, one day a young man came to the owner of strapping worker and said, "You are always praising Rama." Whereas in strength …… in strength…. Less than us, because he is a bugger, he even goes to sleep half an hour in the afternoon, even after that you praise them, we work continuously, the owner said, I have no idea how much rest… or who does what, I see that at the end of the day More trees give me the same cut, so I only praise them.

Now the young man got a little more angry on this matter, he said, do this, get a competition, and see that the tree that cuts the most in the day will win, the owner said, okay…. Let's get it done. And the next day this competition was organized, it was to see who cuts the most trees in the whole day, from morning onwards, the entire worker was seen in great enthusiasm…. Being more zealous than daily, his speed… ..the strength is more and productivity is also seen more, meaning he is cutting more trees, but Ram In the same way… .. comfortably working daily, Ram was barely able to cut 4-5 trees by the time it was half a day, while the rest had done a bit more work, everyone seemed to be losing it today.

As soon as half a day, he went to rest for half an hour, while the rest of the workers did not stop the work at all, because he had to win the competition, when he came to rest after half an hour, all the workers were hanging on the ax shoulder. They were talking among themselves that today they will lose, and today the misconception of the owner will also be removed, who does more work. After that, he started working at his own pace.

The end of the day was counting all the trees, that young man's trees were counted 5… .. 6… .. 7 …… 8 ……. 9 …… 10 and 11, all the people started clapping because no one else had even cut 10 trees, that young man had cut 11 trees, he was also very happy, now only Ram's trees were counted, Ram If the trees were counted, then 8 …… 9 …… 10 …… .11 and 12, Rama cut 12 trees, the owner became more happy, because he was able to justify his point, and Ram got Rs. 1000 / - to win the competition given a reward.

After all this, the young man came to Ram and told Ram that I give up. But tell me the reason …… tell me the secret of this, your physical ability is also less… .. even if you rest for half an hour, how do you cut trees more than us, Ram said, son is a small thing… .. When I go to rest for half an hour, I don't really rest, I sharpen my ax's edge…, so that I can work less and cut more trees in the remaining time.

In fact, the skill of all of us or whatever field we work in is our ax, by sharpening our ax we have to cut trees, no matter how skilful we are in our field…. No matter how high you are at one time, but increasing your proficiency with time should be a regular task, only then you will remain in the main position continuously. No matter what work you do, you will always develop your mastery over time. Should be a priority. Then you will stay on the peak not only once but always… .. continuously.




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स्वयं को प्रतिदिन बेहतर बनाने की जरूरत है !!!

राम एक अधेड़ उम्र के ब्यक्ति थे, कारखाने में पेड़ काटने का काम करते थे, और जो कारखाने का मालिक था वह सारे मजदूरों के सामने राम का तारीफ़े करते थकता नहीं था, की वह बहुत अच्छा काम करते है । अब इस बात से बाकि मजदूरो को उनसे जलन होता था, एक दिन एक नौजवान हट्टा कट्टा मजदुर मालिक के पास आया और बोला, मालिक आप हमेशा राम का तारीफ़े करते रहते है । जबकि वह तो शक्ति में…… ताकत में…. हमसे कम है, क्योंकी वह तो बुगुर्ज है रोज़ दोपहर में आधे घंटे सोने भी चले जाते है, उसके बाद भी आप उनकी तारीफ करते है हम तो लगातार काम करते है, मालिक ने कहा मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं कि कौन कितना आराम करता है…… या कौन क्या करता है, मै तो यह देखता हूँ कि दिन के अंत में सबसे ज्यादा पेड़ मुझे वही काट के देते है इसलिए मै उनके ही तारीफ करता हु ।

अब इस बात पर उस नौजवान को थोड़ा और गुस्सा आया, उसने कहा ऐसा कीजिये एक प्रतियोगिता करा लीजिए, और देखिये दिन भर में जो सबसे ज्यादा पेड़ काटेगा वही जीतेगा, मालिक ने कहा ठीक है…. करा लेते है । और अगले दिन इस प्रतियोगिता का आयोजन कराया गया, पुरे दिन में कौन सबसे ज्यादा पेड़ काटता है यह देखना था, सुबह से सारे मजदुर बड़े जोश में दिखाई दे रहा था…. रोज़ से ज्यादा जोश में होने के कारण उनके गति….. ताकत सब कुछ ज्यादा है और उत्पादकता भी ज्यादा दिखाई दे रहा है, मतलब वह ज्यादा पेड़ काट रहे है, लेकिन राम वैसे ही….. आराम से रोज़ के माफिक काम कर रहे थे, अब आधा दिन होते होते राम मुश्किल से 4-5 पेड़ काट पाए थे, जबकि बाकियों ने थोड़ा सा ज्यादा काम कर लिया था, सबको लग रहा था आज ये हरेंगे ।

आधे दिन होते ही वह तो आधे घंटे के लिए आराम करने भी चले गए, जबकि बाकी मजदूरों ने काम बिल्कुल भी नहीं रोका, क्योंकि उनको तो प्रतियोगिता जीतना था, जब वह आधे घंटे के बाद आराम करके कुल्हरी कंधे पर टांग कर आये तो सारे मजदूर आपस में बात कर रहे थे की आज तो ये हारेंगे, और आज मालिक का ग़लतफ़हमी भी दूर हो जायेगा, की कौन ज्यादा काम करता है. उसके बाद फिर वह अपने गति से अपने काम में जुट गए ।

दिन का अंत हुआ सब के पेड़ों की गिनती हो रहा था, उस नौजवान के पेड़ों का गिनती हुआ 5….. 6….. 7…… 8……. 9…… 10 और 11, सारे लोग तालियाँ बजने लग गए क्योंकी कोई और तो 10 पेड़ भी नहीं काट पाया था, उस नौजवान ने 11 पेड़ काट लिए थे वह भी बहुत खुश था, अब सिर्फ राम  के पेड़ो का गिनती बाकि था, राम के पेड़ों का गिनती हुआ, तो 8…… 9…… 10 …….11 और 12, राम ने 12 पेड़ काटे थे, मालिक और खुश हो गया, क्योंकी वह अपने बात को सही साबित कर पा रहा था, और राम को 1000/- रुपये का इनाम दिया प्रतियोगिता जीतने के लिए ।

यह सब कुछ होने के बाद वह नौजवान राम के पास आया और राम को कहा की मै अपना हार मानता हु । लेकिन मुझे यह कारण बता दो…… इसका राज बता दो, आपका शारीरिक क्षमता भी कम है….. आप आधे घंटे आराम भी करते हो, फिर भी पेड़ हमसे ज्यादा कैसे काट लेते हो, राम ने कहा बेटे बड़ी छोटी सी बात है….. जब मैं आधे घंटे का आराम करने जाता हु तब मै वास्तव में आराम नहीं करता हु, मै अपना कुल्हाडी का धार तेज करता हु…., जिस से बचे हुए समय में कम मेहनत करके ज्यादा पेड़ काट पाउ ।

वास्तव में हम सब के जो कौशल है या जो भी क्षेत्र में हम काम करते है वह हमारे कुल्हरी है, अपना कुल्हरी को तेज करके हमें पेड़ काटना है मतलब अपना काम करना है, भले ही हम अपने क्षेत्र में कितना भी निपुण…. कितने भी ऊपर क्यों न रहे हो किसी ज़माने में लेकिन वक्त के साथ अपने प्रवीणता को बढ़ाना एक नियमित काम होना चाहिए, तभी आप लगातार मुख्य स्थान पर बने रहेंगे । चाहे जो भी काम आप क्यों न करते हो वक़्त के साथ खुद के निपुणता को लगातार विकसित करना आप के सबसे पहली प्राथमिकता होनी चाहिए । तब आप सिर्फ एक बार शिखर पर नहीं बल्कि हमेशा….. लगातार शिखर पर बने रहेंगे…..

 








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