Hard times are just a short time guest !!!


Once Guruji was passing through the forest with his disciples, suddenly he slipped a disciple's foot and started going down towards the ditch, then he got a bamboo plant in his hand, he held the bamboo plant very fast. Took the bamboo plant turned completely down …… ..he bowed down but he saved the life of the disciple. When those people were moving on the path, Guru Ji asked the disciple that the bamboo plant gave you a message. Have you heard …… so he said no… .. I was in trouble, what will I hear…. I have not heard anything or understood anything.

Guru ji said, ok, I have shown you the message he gave you again, I found another bamboo plant on the way, Guru ji very fast turned that bamboo plant towards the bottom and when he left even faster than that, I went back and stood up, Guruji explained that this is his message… I still do not understand so I will explain to you.

This bamboo plant is very flexible, no matter how loud it blows the storm, or tries to break it does not leave its place, becomes a little humble …… but after that stands back in his place, and this is the message this bamboo plant gives you that a very bad time will come in your life when you are actually forcing someone to leave your place or where you are no more, But you have to be flexible like bamboo, bend a little, be a little humble, and bear a little but after that when you get up, it will be stronger than before, just like a bamboo plant, the faster it comes down Is, goes up much faster than that.

Guruji said that this is the message of bamboo plants for you, and for all of you, even if your work life is of family, at times it seems that the situation has become such that we do not remain here. You can but you have to understand whether the situation is really so bad that you leave that place or stay …… Keep leaning a little, be gentle, and bear a little….

And after that, see how you can bounce back, even in the most difficult of circumstances, if you do not let the conditions dominate your mind…. Only then you are a real winner ………….





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Hindi Translate

कठिन समय सिर्फ कुछ समय का मेहमान होता है !!!

एक बार गुरु जी आपने शिष्यों के साथ जंगल से गुजर रहे थे, अचानक से एक शिष्य का पैर फिसला और नीचे खाई के तरफ जाने लगा, तभी उसके हाथ में आ गया एक बांस का पौंधा, उसने उस बांस के पौंधा को खूब तेजी से पकड़ लिया, बांस का पौंधा पूरा नीचे मुड़ गया…….. नीचे झुक गया लेकिन शिष्य का जान उसने बचा लिया, जब वह लोग आपने रास्ते पर आगे बढ़ रहे थे तो गुरु जी ने शिष्य से पूछा कि उस बांस के पौंधा ने तुम्हे एक सन्देश दिया है तुमने सुना…….., तो उसने कहा की नहीं….. मेरे तो प्राण संकट में था मै क्या सुनुँगा ….मुझे कुछ नहीं सुनाई दिया न ही कुछ समझ में आया ।

गुरु जी ने कहा ठीक है उसने जो सन्देश तुम्हे दिया है वह मैं तुम्हे दुबारा कर के दिखाता हु, रास्ते में एक और बांस का पौंधा मिला, गुरु जी ने बहुत तेजी से उस बांस के पौधे को निचे के तरफ मोड़ दिया और जब छोड़ा तब उस से भी ज्यादा तेजी से वापस जा कर खड़ा हो गया, गुरूजी ने समझाया यही तो इसका सन्देश है….., अभी भी नहीं समझे तो मै तुम्हे समझाता हु ।

बांस का ये जो पौंधा होता है बहुत ही लचीला होता है, कितनी भी जोर से इसे आंधी झकझोर दे, या तोडने का कोशिश करे यह अपनी जगह को छोड़ता नहीं है, थोड़ा सा विनम्र हो जाता है……झुक जाता है, लेकिन उसके बाद वापस अपनी जगह पर खड़ा हो जाता है, और यही सन्देश ये बांस के पौधे तुम्हे देता है की जीवन में  बहुत सा बुरा वक्त आएगा जब आपको वास्तव में कोई न कोई जबरदस्ती कर रहा होगा की आप अपनी जगह को छोड़ दे या आप जहाँ है वह न रहे, लेकिन आपको बांस की तरह लचीले बनना है, थोड़ा सा झुक जाइए थोड़ा सा विनम्र हो जाइए और थोड़ा सा सह लीजिये लेकिन उस के बाद जब आप उठेंगे तो पहले से भी जोरदार होगा, बिलकुल बांस के पौंधा की तरह, वह जितने तेजी से नीचे आता है, उससे कही ज्यादा तेजी से ऊपर जाता है ।

गुरु जी ने कहा यही है बांस का पोंधे के सन्देश आप के लिए, और आप सब के लिए, चाहे आप के कार्य जीवन परिवार का हो, कई बार ऐसा लगता है की परिस्थिति ऐसे बिपरीत हो गया है की हम यहाँ पर बने ही नहीं रह सकते, लेकिन ये आपको समझना है कि क्या वाकई परिस्थिति इतनी बिपरीत है की आप उस जगह को छोड़ दे या फिर डटे रहे…… जमे रहे थोड़ा सा झुके थोड़ी सी विनम्रता रखें और थोड़ा सा सहे…. और उसके बाद देखिये आप किस तरह उछलकर वापस कर पाते है, कठिन से कठिन हालातों में भी अगर आप अपने दिमाग पर हालातों को हावी नहीं होने देते…. तभी आप सच्चे मायनों में विजेता है…………













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